‘अनोखा’ होगा 21 जून का सूर्यग्रहण

देहरादून। 21 जून  रविवार  2020 को वलयाकार सूर्य ग्रहण पडेगा । इसे भारत समेत अफ्रीका, एशिया और यूरोप महाद्वीप के कुछ भागों में देखा जा सकता है। ऐसा संयोग इसके बाद 11 वर्ष बाद आएगा। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के निर्देशक प्रो. दीपाकर बनर्जी ने पत्रकार वार्ता में सूर्यग्रहण के बारे मे जानकारी  देते हुए बताया कि यह सूर्यग्रहण  उत्तराखण्ड में भी दिखाई देगा।  21 जून को वलयाकार रूप में प्रातः 10 बजकर 25 मिनट से सूर्यग्रहण शुरू होगा, और अपराहन 12 बजकर 8 मिनट पर चरम पर होगा । ग्रहण एक बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगा ग्रहण तीन घण्टा 28 मिनट तक चलेगा।  ग्रहण के दौरान सूर्य एक चमकीले छल्ले के समान दिखेगा।

यह कंकण सूर्य ग्रहण सुबह 9 बजकर 15 मिनट 58 सेकंड पर शुरू हो जाएगा और दोपहर 3 बजकर 4 मिनट 1 सेकंड पर समाप्त होगा। यानी यह सूर्यग्रहण कुल 5 घंटे 48 मिनट और 3 सेकंड के लिए होगा, लेकिन इस सूर्यग्रहण का आरंभ और समापन का समय भारत में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग रहेगा। प्रो. बनर्जी ने बताया कि ऐसा सूर्यग्रहण उत्तर भारत में भी देखा जा सकेगा।  इससे पूर्व सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर 2019 को भारत के दक्षिण भागों में देखा गया था। अब ऐसा सूर्यग्रहण  21 मई 2031 को ही दिखाई देगा। यानि कि ऐसा सूर्यग्रहण देखने के लिए आपको 11 साल का लंबा इंतजार करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि देश में पूर्ण सूर्यग्रहण अब 20 मार्च 2034 को ही देखा जा सकेगा। उन्होंने सूर्य ग्रहण को सीधे आंखों से नहीं बल्कि विशेष चश्मे या कैमरे में लेंस लगाकर देखने की सलाह दी।  जून में लगने वाले सूर्य और चंद्र ग्रहण को ज्योतिषशास्त्री शुभ नहीं बता रहे हैं। बता दें कि पांच जून को चंद्र ग्रहण लगा था। 21 जून को सूर्य ग्रहण लगने वाला है। एक महीने में दो ग्रहणों के लगने का संयोग भले ही 50 साल के बाद बन रहा है, मगर ज्योतिषियों के मुताबिक ये दुर्लभ खगोलीय संयोग महाभारत की लड़ाई के दौरान भी मौजूद था। जो कि अशुभ माना गया था। 18 दिनों की लड़ाई के दौरान पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण तो 13 दिन के बाद सूर्य ग्रहण लगा था जो संपूर्ण जगत के लिए शुभ नहीं था।

सूर्य ग्रहण के दौरान ही अर्जुन ने जयद्रथ का वध करने में सफलता पाई थी, नहीं तो युद्ध का परिणाम कुछ दूसरा हो सकता था। इस बार सूर्य ग्रहण रविवार को होने की वजह से वर्षा की कमी, गेहूं, धान और अन्‍य अनाज के उत्‍पादन में कमी आ सकती है। वहीं गाय के दूध का उत्‍पादन भी घट सकता है। इसके अलावा यह भी माना जा रहा है कि प्रमुख देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्षों के बीच भी तनाव और बहस बढ़ सकती है। वहीं व्‍यापारियों के लिए यह ग्रहण अच्‍छा और लाभ देने वाला माना जा रहा है।

ज्योतिषी के अनुसार भारत और विश्व के लिए 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण बेहद संवेदनशील है। मिथुन राशि में होने जा रहे, इस ग्रहण के समय मंगल मीन में स्थित होकर सूर्य, बुध, चंद्रमा और राहु को देखेंगे। जो अशुभ संकेत है। इसी के साथ ग्रहण के समय शनि, गुरु, शुक्र और बुध वक्री स्थिति में रहेंगे। राहु और केतु तो सदैव उल्टी चाल ही चलते हैं तो इस लिहाज से कुल छह ग्रह वक्री रहेंगे। यह स्थिति पूरे विश्व में उथल पुथल मचाएगी।

 

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