महिलाओं को सिखाए अचार बनाने के गुर

जनमंच टुडे।उत्तरकाशी। असीगंगा के चिवां में कास्तकारों व ग्रामीण महिलाओं को यूकोस्ट व नौला फाउंडेशन द्वारा एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत लिगडूं, तिमला व कचनार (गिरियाल) से आचार बनाने का तरीके व कंडाली (ढोलन) के विभिन्न उपयोगों पर आधारित प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षक कविता मेहर ने कहा कि उत्तराखंड की महिला शक्ति उद्यमिता में और बेहतर कार्य कर सकतीं हैं व कौशल प्राप्त कर नवाचार में भी महिलाएं अग्रणी हो सकती हैं। महिलाओं व कास्तकारों को विभिन्न सब्जियों के बीज किट जिसमें टमाटर, कद्दू, फूलगोभी, ब्रोकलीं, मिर्च, तोर‌ई, फ्रासबीन व भिंडी आदि के बीजों का वितरण भी किया गया। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. एस पी नौटियाल ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं व कास्तकारों को व्यवसाय व रोजगार से जोड़ा जा सके। वहीं बचन सिंह राणा ने बताया कि कंडाली (बिच्छूघास) की पत्तियों में खूब आयरन होता है। कंडाली, लेमन ग्रास और तुलसी के पत्तों से बनी ग्रीन टी आज किसी औषधि से कम नहीं है। सर्दियों में इसका सेवन जहां लाभकारी है वहीं ढोलन किस्म कंडाली की पत्तियां गर्मियों में सब्जियों में शामिल होने के साथ इसके रेशे बहुत ही उपयोगी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *