गुणों का खजाना है रोजमैरी

जनमंच टुडे/ देहरादून।

उत्तराखण्ड देवभूमि को प्रकृति ने नेमते बरती है। यहां की सुंदरता  हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। सुंदरता के साथ ही यह भूमि अथाह जड़ी बूटियों  को समेटे हुए हैं। इनमें से एक है रोजमैरी  एक तरह की सदाबहार जड़ी,बूटी है। इस जड़ी-बूटी को गुलमेंहदी के नाम से जाना जाता है। इसमें अन्य जड़ी बूटी की तुलना में अधिक सुगंध व स्वाद होता है। इस जड़ी-बूटी की लंबाई 4 से 5 फुट की होती है और इसके फूल नीले रंग के होते है। रोजमैरी जड़ी-बूटी को एक तरह से पुदीना परिवार की प्रजाति माना जाता है।  इसका उपयोग सॉस, रोट्स, स्टफिंग के लिए किया जाता है। इस जड़ी,बूटी का उपयोग  दुनियाभर में अधिक इटालियन डिश के लिए किया जाता है। रोजमैरी में बहुत से पौष्टिक तत्व होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक  है। यह शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाती है और मांसपेशियो को मजबूत करती है।  रोजमैरी जड़ी बूटी में एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, कैल्शियम, विटामिन बी 6 आदि पाया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। इसके फूल नीले रंग के होते हैं।  जून जुुुलाई तक इसमें फूल खिलते हैं। उस दौरान पूरे पौधे से महक आती है। गुलमेंहदी एक सुगन्धित सदाबहार जड़ी-बूटी है जिसके पत्ते सुई के आकार के होते हैं। यह भूमध्यसागरीय क्षेत्र का मूल पौधा है। यह पुदीना परिवार लैमियेसी की सदस्य है, जिसमे और भी कई जड़ी-बूटी शामिल हैं। उत्तराखण्ड, हिमाचल में इसकी खेती की जाती है। जून, जुलाई में इसमे फूल आते हैं। रोजमैरी त्वचा के लिए वरदान है । रोजमैरी का तेल त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। यह चेहरे पर बुढ़ापे को  झलकने नहीं देता। रोजमैरी के पत्ते में कुछ ऐसे गुण होते है जो त्वचा के संक्रमण को कम करते है। इसके अलावा त्वचा को हाइड्रेड भी रखता है। अगर त्वचा में कालेपन की समस्या है तो रोजमैरी पत्तियों का उपयोग से दूर किया जा सकता है। साथ ही यह तनाव दूर करने में लाभप्रद माना जाता है।  इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होता है जो व्यक्ति के मूड में बदलाव करता है और तनाव की समस्या को दूर करता है।  रोजमैरी की सुगंध बहुत अलग होती है यह मन को शांत करती है। रोजमैरी  याददाश्त बढ़ाने में भी मदद करता है। यह अल्जाइमर व डिमेंशिया रोग को ठीक करने में कुछ हद तक काम करता है। कमजोर दिमाग के लोगो के लिए लाभकारी साबित होता है। रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में यह बहुत मददगार माना जाता है। यह सर्दी फ्लू की समस्या से भी बचाव करता है। रोजमेरी में अच्छी मात्रा में विटामिन सी होता है यह इम्युनिटी को मजबूत करने में मदद करता है। यह सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती है। अगर पेट में दर्द, कब्ज, सूजन, दस्त की समस्या है तो रोजमेरी फायदेमंद होता है। इसमें सूजन विरोधी गुण होते है जो पेट में कब्ज को बनने से रोकते है। रोजमैरी का उपयोग हफ्ते में एक दिन जरूर करे। यह आपके आंतो के कार्यो को सरल बनाता है और जठराल संबंधित समस्या को कम करता है। सांसो की बदबू दूर करने में भी रोजमैरी  बहुत अच्छी मानी जाती है। इसकी  खुशबू बहुत अच्छी होती है जो सांसो को तरो ताजा बनाने के साथ ही मुँह की बदबू को कम करती है इसलिए रोजमेरी माउथ फ्रेशनर के रूप में अधिक उपयोग किया जाता है। इसकी बाजार में अधिक मांग होने से आप इसकी खेती करके  हज़ारों रुपए प्रति माह कमा सकते हैं।

 

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