मनुष्य एवं मनुष्यता के समग्र विकास की कुंजी है संस्कृत

जनमंच टुडे।हरिद्वार। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि संस्कृत भाषा केवल स्वविकसित भाषा नहीं बल्कि संस्कारित भाषा है। देववाणी अन्य भाषाओं की तरह केवल अभिव्यक्ति का साधन मात्र ही नहीं है, बल्कि वह मनुष्य एवं मनुष्यता के समग्र विकास की कुंजी भी है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा की वैज्ञानिक संरचना इसे वर्तमान तकनीकी युग में भी अत्यंत प्रासंगिक बनाती है। देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार में आयोजित “भारतीय भाषाओं की जननी संस्कृत का भाषा वैज्ञानिक पक्ष और तकनीकी शब्दावली” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन “विकास के साथ-साथ विरासत भी” इसके लिए हमें देववाणी संस्कृत के संवर्धन एवं इसे जन-जन की भाषा बनाने की पहल करनी होगी। वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, शिक्षा मंत्रालय केंद्र सरकार और देव संस्कृति विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहे सम्मेलन में उन्होंने कहा कि देववाणी संस्कृत के माध्यम से देश, एक बार फिर से भारतीय ज्ञान परम्परा से जुड़कर विश्व के समक्ष अपनी प्रतिष्ठा पुर्नस्थापित करेगा।

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